राजस्थान के जयपुर में चल रहा शहीदों की पत्नियों से जुड़ा मामला शांत भी नहीं हुआ था कि प्रदेश के भरतपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया। जहां भाजपा सांसद जब हॉस्पिटल में एडमिट शहीद की पत्नी से मिलने पहुंचीं तो वहां उनका पुलिस से विवाद हो गया। आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की की, जिससे वह गिरकर बेहोश हो गईं।
यह मामला भरतपुर के नगर थाना इलाके का है। यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शहीद की पत्नी सुंदरी से मिलने शुक्रवार शाम छह बजे भरतपुर सांसद रंजीता कोली पहुंचीं थीं। इस दौरान हॉस्पिटल में जमकर हंगामा हुआ। सांसद ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की कि पुलिस जवानों ने उनके साथ बदतमीजी की। हाथ पकड़कर खींचा। इससे उनके हाथ और कमर में चोट आ गई। धक्का-मुक्की में उनकी सोने की चेन भी गिर गई।
सांसद रंजीता कोली ने कहा कि वे सुंदरावली गांव की शहीद की पत्नी सुंदरी देवी से मिलने आई थी। उन्हें पुलिस ने जबरन हॉस्पिटल में एडमिट कर रखा है। कोली के अनुसार सुंदर देवी की तबीयत खराब नहीं है। रंजीता कोली के अनुसार शहीद की पत्नी अपने बच्चों से मिलना चाहती है। वह सुंदरी देवी को लेकर उनकी बेटी सुमन से मिलाने जा रही थी। इस दौरान उन पर पुलिसवालों ने हमला कर दिया। उनका हाथ पकड़ा।
सांसद रंजीता ने कहा कि सुंदर देवी को पुलिस ने हॉस्पिटल में बंधक बनाकर रखा है। यह सरासर गलत है। पुलिस ने मेरा हाथ पकड़ा और मेरे साथ बदतमीजी की। महिला को ऐसे नहीं पकड़ सकते।
सांसद ने कहना है कि मैंने वीरांगना की रिपोर्ट देखी। रिपोर्ट में कुछ नहीं है। सरकार के दबाव में प्रशासन ने वीरांगना को बंधक बनाकर रखा है।
सांसद ने कहा कि राजस्थान में महिलाओं के साथ अपराध होता ही है, अब वीरांगनाओं के साथ भी अत्याचार होने लगा है। जिनके पति देश के लिए शहीद हो गए, उनकी पत्नियों के साथ राजस्थान सरकार और पुलिस अत्याचार कर रही है। सांसद कोली ने कहा कि धक्का-मुक्की में उनके हाथ की हड्डी टूट गई।
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